गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

किसी और जैसे बनने की कोशिश किस लिए?


मनुष्य के साथ यह दुर्भाग्य हुआ है। यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है, अभिशाप है जो मनुष्य के साथ हुआ है कि हर आदमी किसी और जैसा होना चाह रहा है और कौन सिखा रहा है यह? यह षडयंत्र कौन कर रहा है? यह हजार-हजार साल से शिक्षा कर रही है। वह कह रही राम जैसे बनो, बुद्ध जैसे बनो। या अगर पुरानी तस्वीरें जरा फीकी पड़ गईं, तो गांधी जैसे बनो, विनोबा जैसे बनो। किसी किसी जैसे बनो लेकिन अपने जैसा बनने की भूल कभी मत करना, किसी जैसे बनना, किसी दूसरे जैसे बनो क्योंकि तुम तो बेकार पैदा हुए हो। असल में तो गांधी मतलब से पैदा हुए। तुम्हारा तो बिलकुल बेकार है, भगवान ने भूल की जो आपको पैदा किया। क्योंकि अगर भगवान समझदार होता तो राम और गांधी और बुद्ध ऐसे कोई दस पंद्रह आदमी के टाइप पैदा कर देता दुनिया में। या अगरबहुत ही समझदार होता, जैसा कि सभी धर्मों के लोग बहुत समझदार हैं, तो फिर एक ही तरह के "टाइप' पैदा कर देता। फिर क्या होता?

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